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pooja nathawat

Inspirational

5.0  

pooja nathawat

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भगवान ऐसी माँ किसी को न दे

भगवान ऐसी माँ किसी को न दे

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हे भगवान देखो कैसी माँ है,

परवाह नहीं बच्चों की !

हाँ तो क्या हुआ सपने हैं तो,

कुचल डालो इन्हें !


पहचान ! अरे कौन सी पहचान,

ये घर ही इसकी पहचान है !

अपनों की फ़िक्र नहीं, चल पड़ती है,

जाने वह क्या-क्या करती हैं !


भगवान ऐसी माँ किसी को न दे,

पत्थर का दिल है जी... पत्थर का,

केसे मासूम बच्चों को छोड़ जाती हैं !


औरत है या मुसीबत,

पती की सेवा की फ़िक्र ही नहीं !

ज़मीर ही नहीं है साहब,

अंदर से खोखली हैं !


कौन हैं ये जो मेरे कंधे को

सहला रहा हैं ?

काँपते हाथों से जो ताने लिख रहीं हूँ

उसे रोक रहा है।


मम्मा ! क्या आप को पता है कि

मैरी कॉम भी ट्रेनिंग के लिए जाती थी !

छोटे-छोटे बच्चे घर छोड़ के जाना पड़ता था,

वो भी रोती होगी ना आप ही की तरह ?


निक्की ! सुन अपनी मम्मा मैरी कॉम हैं !

टपकते आँसू जैसे इन स्याही से

लिखें शब्दों को मिटा रहे हैं,


वैसे ही मेरे बच्चों की समझदारी,

समझदारों के तानों को।।


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