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SONI RAWAT

Abstract Horror Classics

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SONI RAWAT

Abstract Horror Classics

राम

राम

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राम के नाम में दुनिया समायी है

कहाँ अब सीता जी की परछाई है

कहाँ अब लक्ष्मण जैसा भाई है

कहाँ हनुमान जैसा भक्त कोई है


हालचाल पूछे तो राम नाम ही जुबान में आया है

विदा लेते समय भी तेरा नाम आया है

कहाँ अब राम राज्य जैसी प्रजा हुई है

कहाँ राम जैसा पुत्र कोई हुआ है


राम नाम में ही चारो धाम हैं

तेरे बिना चलता ना हनुमान है

क्यों भरत हुआ तेरे लिए परेशान है

तू श्याम का दूसरा नाम है


कहाँ शबरी सा कोई अब भक्त है

तुमने तोड़ा समुंद्र का अहंकार है

 तुमने तोड़ा शिवजी का धनुष है

तुम विष्णु का ही एक अवतार हो।


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