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SONI RAWAT

Abstract Fantasy Inspirational

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SONI RAWAT

Abstract Fantasy Inspirational

बारिशों की बूंद

बारिशों की बूंद

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बारिशों की इन बूंदों में

छम- छम चलते है हम

बादलों की इस गर्जन से

थर- थर डरते हैं हम


नभ में ये बिजलियां

चम-चम सी हैं चमकती 

बारिशों में ये नदियाँ

कल- कल सी हैं बहती


ये गलियाँ अब मुझे

दल- दल सी है लगती

चलने में अब हमें

पल- पल है देर लगती


इन वृक्षों के कारण ही

नल- नल में पानी आ रहा 

इन हरे-भरे पहाड़ों से

झर-झर है झरना बह रहा


खेतों और खलियानों में

हल-हल है अब चल रहे

भीगी हुई इस धरा में

थल- थल में फूल खिल रहे


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