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SONI RAWAT

Romance Tragedy Fantasy

4  

SONI RAWAT

Romance Tragedy Fantasy

तेरी नज़र

तेरी नज़र

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तेरी नज़रों का कोई दोष नहीं

मैं यहां, तो तू है और कहीं

ख्वाहिशों के परिंदों में बंदिशें कहाँ

ढूंढता है तुझे बस यहाँ-वहाँ


नज़र के सामने ना तुम कभी आई

पर फिर भी बन गई मेरी परछाई

ख्वाबों में तुझे आने से रोकूं कैसे

तुझे खुद से अलग करने की कोशिश करूँ कैसे


वियोग की पीड़ा बस मैं ही जानता

तू जानती तो मैं यूं ना तड़पता 

जख्म दिल के फिर हरे कर दिये

सामने आके जो तूने नजरें ही फेर दिए


दवाओं का असर मुझ पर हुआ नहीं

दुआ करने वाला अपना कोई था नहीं

ना दुआ लगी ना तेरी बद्दुआ लगी

अधमरा सा करके ये मौत भी गले ना लगी


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