हवेली वीरान व डरावनी।
हवेली वीरान व डरावनी।
एक बार मैं दोस्तों के साथ घूमने गया,
दोस्त की हवेली देखने के वास्ते गया।
शाम को हम सभी हवेली में पहुंचे थे,
हवेली वीरान व डरावनी लग रही थी।
हम सबने जाते ही स्नान वगैरह किया,
और उसके बाद बढ़िया भोजन किया।
हम सबको अलग-अलग कमरा मिला,
हम सब बारह बजते ही सोने चले गए।
हम चार दोस्त हवेली में घूमने आये थे,
रात को हम सभी सुकून की नींद सोये।
सुबह हम सब जब सैर करने जाने लगे,
तो एक दोस्त अब तक बाहर ना आया।
हम सब एक साथ रोज़ सैर करने जाते,
वो नहीं आया तो हैरान परेशान हो गए।
दोस्त हमारा अपने कमरे में नहीं मिला,
सारी हवेली में ढूँढते रहे पर नहीं मिला।
तुरंत पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी,
अगली सुबह फ़िर एक दोस्त नहीं मिला।
पुलिस वाले भी बहुत हैरान परेशान हुए,
पूरे गाँव में कहीं भी कुछ पता नहीं चला।
बचे हम दोस्त उसी दिन वापिस आये थे,
वो रात वहां पर रहने का साहस नहीं था।
अब तक वो दोस्तों का सुराग़ नहीं मिला,
आज भी वो कहां पे ये रहस्य नहीं खुला।