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manpreet kaur

Horror Children

3  

manpreet kaur

Horror Children

नेचर

नेचर

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पर्वत कहता शीश उठाकर,

तुम भी ऊँचे बन जाओ।


सागर कहता है लहराकर,

मन में गहराई लाओ।


समझ रहे हो क्या कहती हैं

उठ उठ गिर गिर तरल तरंग


भर लो भर लो अपने दिल में

मीठी मीठी मृदुल उमंग!


पृथ्वी कहती धैर्य न छोड़ो

कितना ही हो सिर पर भार,


नभ कहता है फैलो इतना

ढक लो तुम सारा संसार !


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