चाणक्य नीति
चाणक्य नीति
मनुष्य हमेशा फल की चिंता करता है
वह अपने परिणाम पर ध्यान नहीं देता है
उसके मन मैं लालच की भावना उत्पन्न हो जातीी है
जिसके फलस्वरूप वह अपने
पतन की ओर अग्रसर हो जाता है और
जरूरत से ज्यादा दिखाओ
मनुष्य से उसकी वास्तविकता छीन लेता है
मनुष्य को हमेशा अपनी वास्तविकता में जीना चाहिए
उसको हमेशा दूसरों से समानता का व्यवहार चाहिए।