कब बनता है एक प्यारा सा गीत तुम्हारा और मेरा अपना। कब बनता है एक प्यारा सा गीत तुम्हारा और मेरा अपना।
नामंजूर है बयाँ हो जाना , आँखों का दिल से फिराक ढूँढ़तें हैँ ।। नामंजूर है बयाँ हो जाना , आँखों का दिल से फिराक ढूँढ़तें हैँ ।।
तब से दोस्तो की भी कोई चिट्ठी नहीं आई है। तब से दोस्तो की भी कोई चिट्ठी नहीं आई है।
कोई सुराग मिले तो राह पकड़ लूं उसकी वह हवा का झोंका था मुझे छूकर गुजर गया। कोई सुराग मिले तो राह पकड़ लूं उसकी वह हवा का झोंका था मुझे छूकर गुजर गया।
आप मीलों तक सुंदरता देख सकते हैं, आगे वास्तविक मुस्कान ला सकते हैं! आप मीलों तक सुंदरता देख सकते हैं, आगे वास्तविक मुस्कान ला सकते हैं!
हरें भरें मैदान कि तरह होगा, एक पीपल का पात, हरें भरें मैदान कि तरह होगा, एक पीपल का पात,