बारिश और एहसास
बारिश और एहसास
बरसात आई आज फिर तेरी याद आई
बारिश का नशा ही कुछ अलग सा होता है
पलको को छूते ही सीधे दिल पे असर होता है
ये इश्क का मौसम अजीब ही होता है
बेगानो से करते है मोहब्बत कुछ लोग
और अपनो को भूल जाते है
कहते है ना बारिश की अपनी ही एक कहानी है
जैसे आंखो के साथ बहता पानी है
हर दफा ये बारिश साथ अपने उसकी यादें ले आती है
ना जाने दिल के कितने ही एहसास वापस जगा जाती है
उनकी याद जो साथ ले आती है हां मालूम है हमे भी देखी है
उन्होंने भी ये बारिश की बूंदे मगर
ये सावन मेरी आंखो से हार आज भी जाता है
जिस मौसम के आने से मेरे जख्म भरा करते थे
अब वो मोसम मेरे जख्मों को हरा कर जाता है !!!
तेरी याद साथ जो ले आता है
