STORYMIRROR

Bushra Wasim

Tragedy

4  

Bushra Wasim

Tragedy

बारिश और एहसास

बारिश और एहसास

1 min
262

बरसात आई आज फिर तेरी याद आई 

बारिश का नशा ही कुछ अलग सा होता है 

पलको को छूते ही सीधे दिल पे असर होता है 

ये इश्क का मौसम अजीब ही होता है

बेगानो से करते है मोहब्बत कुछ लोग

और अपनो को भूल जाते है

कहते है ना बारिश की अपनी ही एक कहानी है

जैसे आंखो के साथ बहता पानी है 

हर दफा ये बारिश साथ अपने उसकी यादें ले आती है 

ना जाने दिल के कितने ही एहसास वापस जगा जाती है

उनकी याद जो साथ ले आती है हां मालूम है हमे भी देखी है

उन्होंने भी ये बारिश की बूंदे मगर

ये सावन मेरी आंखो से हार आज भी जाता है

जिस मौसम के आने से मेरे जख्म भरा करते थे

अब वो मोसम मेरे जख्मों को हरा कर जाता है !!!

तेरी याद साथ जो ले आता है 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy