पीछे छूटते रिश्ते
पीछे छूटते रिश्ते


देखते ही बच्चे बड़े हो जाते हैं
फिर अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं
रह जाते हैं मां-बाप पीछे
आंखों को हाथों से जो अपने मींचे
सीने में अपना प्यार है जो भींचे
जिंदगी में ऐसे भी मोड़ आते हैं
जब बच्चे मां बाप को पीछे छोड़ आते हैं।
देखते ही बच्चे साइकिल सवार हो जाते हैं,
फिर दुनिया की रफ्तार में खो जाते हैं,
रह जाते हैं मां-बाप पीछे,
बच्चों को रखते जो आंखों के नीचे,
साइकिल को ले जाते थे मीलों खींचे,
जिंदगी में फिर ऐसे मोड़ आते हैं,
जहां से बच्चे मां बाप को ना पीछे देख पाते हैं।
देखते ही बच्चे भी मां-बाप हो जाते हैं,
तब उनको भी वो दिन याद आते हैं,
रह गए हैं जहां मां-बाप पीछे,
अपने प्यार से हर पल रहते थे सींचे,
नहीं भाग पाए थे वो उनके पीछे,
जिंदगी में फिर ऐसे मोड़ आते हैं,
जहां से फिर ना हम पीछे कभी लौट पाते हैं।