मानो या न मानो
मानो या न मानो
सुनो प्रिय
तुम मानो या न मानो
तुम मेरे हो
यकीन नहीं होता मुझपर
तो अपने दिल से पूछो।
कुछ यूँ कहता है
हाले बयाॅं अपना
बैठी तुम सामने रहो
मैं इबादत तुम्हें देखकर
यूहीं करता रहूँ।
तो मैनें कहा
ज़ज्बातों के साथ
तुम्हें इतनी मोहब्बत कर जाऊँ
जन्मों तक तुम ये चेहरा
कि न भुला पाओ।
अरे सोना!
इतने इश्क के बाद
मेरा-तेरा कहाँ रह गया
अब तो बारी है, पूनम के रात की
जहां रजनी में चाँद, हम में बदल गया।

