फरिश्ते
फरिश्ते
सत्य हो
परमतत्व परमात्मा
का अंश हो
इबादत हो
फरिश्ते हो
जो भी हो
मेरे लिए तो तुम
गीता के श्लोक में हो
कुरान के पारे हो
इतना ही नहीं
धरती के कण-कण में हो
मंदिर के घंटे में हो
अल्लाह की अजान में हो
पूछो मत अब मुझसे
मेरे सांसों की धड़कन में हो
इससे ज्यादा क्या कहूँ
बस यूँ जान लो
कोई सच्चाई का प्रतिरूप है
इस धरा पर
तुम हो
सिर्फ तुम ही हो।