कह दो अपना
कह दो अपना
अपनी प्रेयसी की
संवेदनाओं को
कब पहचानोगे तुम
मैनें पूछा तुमसे कि
कब आओगे तुम
दिन बीते, रात बीती
सुबह से शाम हुई
न आये तुम
और मेरी आँखें नयनाभिराम हुई
आ जाओ अब तो
मुझसे विरह सहा न जायेगा
कह दो अपना एक बार तुम
वरना प्राण ही निकल जायेगा
रहेगा इंतजार चन्द आखिरी सांसों तक
आओगे ज़रूर तुम
प्रेम की अंतिम बूंद तक
ऐसा विश्वास है मेरा
साथ निभाओगे
आओगे मेरे पास तुम
आखिर और कहाँ जाओगे

