जो साहित्यक लोक में खोया न महसूस कर सका तेरे हृदय की गहराई जो साहित्यक लोक में खोया न महसूस कर सका तेरे हृदय की गहराई
बसंत बीत गइ सावन बीता बीता प्रीत का हर मौसम तेरे बीन अब बहार भी पतझड़ कहाँ छुपाऊ। बसंत बीत गइ सावन बीता बीता प्रीत का हर मौसम तेरे बीन अब बहार भी पतझड़ क...
घनघोर मेघ बदरा सब छाए गये हैं। मन में हर्षोल्लास उमंग अति आये घनघोर मेघ बदरा सब छाए गये हैं। मन में हर्षोल्लास उमंग अति आये
इतनी कोशिश भी करने में असमर्थ है इतनी कोशिश भी करने में असमर्थ है
एक क्षण में सम्पूर्ण ब्रह्मांड को अपनी प्रेयसी के आगे डाल देने की चाहत रखता है एक क्षण में सम्पूर्ण ब्रह्मांड को अपनी प्रेयसी के आगे डाल देने की चाहत रखत...
मन के आंगन में मन के आंगन में