तुम्हारी मुस्कान
तुम्हारी मुस्कान
मुस्कुराता हुआ तुम्हारा
शशि-शीतल कुसुम मुख जिनपर
नज्म ए खुली किताब लिखी है
किताब के प्रथम पृष्ठ पर
श्वेत पाक हर्फ से नग़मे इबादत कलाम लिखी हैं
मैं करीब से एक एक हर्फ पढ़ना चाहता हूँ
अंगुली धरकर आंखों में गढ़ना चाहता हूँ
तुम्हारी इबादत में आने को इजाज़त चाहता हूं।

