सीमाबद्ध कालावधि में सदा रहे पावन, पुनः मिट्टी में ही करना होगा प्रत्यावर्तन। सीमाबद्ध कालावधि में सदा रहे पावन, पुनः मिट्टी में ही करना होगा प्रत्यावर्तन।
अब मुझको बढ़ते है जाना | अब मुझको बढ़ते है जाना |
'भावी पति के लिए, कहीं से धन संचय कर लाती, अच्छी बहुरानी बनकर, घर की रानी बन जाती। दहेज़ लेना और देना... 'भावी पति के लिए, कहीं से धन संचय कर लाती, अच्छी बहुरानी बनकर, घर की रानी बन जात...
परमात्मा के दर्शन की आस लिए बैठी एक भक्तन, प्रियतम के मन के भाव इस कविता में कहे गये है... परमात्मा के दर्शन की आस लिए बैठी एक भक्तन, प्रियतम के मन के भाव इस कविता में कहे...
और जो नहीं अपने पास वो हमेशा आकाशकुसुम सा लगता है! और जो नहीं अपने पास वो हमेशा आकाशकुसुम सा लगता है!
सूखे न कहीं एक भी तालाब हर कूप भरा हो तीन भाग सूखे न कहीं एक भी तालाब हर कूप भरा हो तीन भाग