आज ब्रज में होली रे सांवरिया राधा संग खेले हैं कन्हैया। आज ब्रज में होली रे सांवरिया राधा संग खेले हैं कन्हैया।
निकली मुर्खन की बारात, जामे काऊ के सर पर काउ की लात। निकली मुर्खन की बारात, जामे काऊ के सर पर काउ की लात।
करेगी खूब हुड़दंग ये श्याम की खास है टोली करेगी खूब हुड़दंग ये श्याम की खास है टोली
कान्हा आयो रे ब्रज में खेलन होली रसिया संग कान्हा आयो रे ब्रज में खेलन होली रसिया संग
परमात्मा के दर्शन की आस लिए बैठी एक भक्तन, प्रियतम के मन के भाव इस कविता में कहे गये है... परमात्मा के दर्शन की आस लिए बैठी एक भक्तन, प्रियतम के मन के भाव इस कविता में कहे...
आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी