STORYMIRROR

Dr.R.N.SHEELA KUMAR

Others

2  

Dr.R.N.SHEELA KUMAR

Others

राधा की विरह

राधा की विरह

1 min
163

हे परमात्मा,

मुझे अकेले छोडकर ब्रज से चले गये हो

मै जो कुछ लिखती हूँ, वो एक एक पारिजात कुसुम है

मै तुम्हारे लिए अक्षरों का पारिजात फूलों की माला हाथ में पकडकर इंतजार करती हूँ, हे परमात्मा एक बार

आकर मुझे दर्शन दे दो।


Rate this content
Log in