नव वसंत
नव वसंत
हर रोज देखेंगे
ये सभी मेरे दोस्त थे
लेकिन हर समय
मुझे अकेले छोड़कर
ओ दिन आई थी
मैं सारी दुनिया में
साबित करने की
समय अब बनगई
मैं सिर्फ अपने को
साबित करनी चाहती थी
ओ दिन आई
एकदम पढ़ पढ़ कर
अपनी सीड़ी चढ़ी
आज हाथ में पैसे थे
अब सारी लोगों को
मेरा अवसर थी
अब चले आई
सारी दोस्ते
पैसे को देखकर आये
दोस्तों की जरूर नहीं
लेकिन पढ़ाई से आए
दोस्तों को न छोड़ कर
नव वसंत की ओर
जाना है
यही जिंदगी।