STORYMIRROR

RAHUL ROHITASHWA

Inspirational

3  

RAHUL ROHITASHWA

Inspirational

तुम सदा बचाओ नीर बंधु

तुम सदा बचाओ नीर बंधु

1 min
230

तुम सदा बचाओ नीर बंधु

वरना भोगेंगे तुम्हारे पीर बंधु

हर एक बूंद की कीमत है

मेरा ही नहीं यह बहुमत है

इसके बिना जीव अधीर बंधु

सूखे न कहीं एक भी तालाब

हर कूप भरा हो तीन भाग

वर्षा न हो कभी स्थिर बंधु

खेतों में होये हरदम हरियाली

खिल उठे कुसुम डाली डाली

हर दिशा में बहे समीर बंधु

कट जाये गर्दन पर कटे न पेड़

हम किया करें न कभी इनसे छेड़

वर्षा लाएगी सदा प्राण बंधु

तुम सदा बचाओ नीर बंधु



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational