मिल जाए तो मिट्टी है
मिल जाए तो मिट्टी है
ये हमेशा से होता आया है कि
जो प्राप्त है उसकी महत्ता
हमेशा कम से कम आँकी जाती है :
और जो नहीं अपने पास वो
हमेशा आकाशकुसुम सा लगता है
खुशियाँ दूसरों के घर झाँकी जाती है!
