MD ASHIQUE
Abstract
हमें मालूम है उनकी नुमाइश
फिर भी निगाहें खामोश है।
वे हमें बातों में गुमराह समझते हैं
उसकी मुक़ाम हमें मालूम है।
वे महारथी हैं अपनी अदाकारी के
ये बात हमें मालूम है।
हर बार दो सवा...
नींद और ख्वाब
मालूम है
जलते अख़बार
उस चालक आदमी ...
प्रेसी की शाम...
'हमारा विद्या...
आवाज़ नहीं मर...
तुम्हारी मुस्...
मृत्युंजय
जीत कर दिखाए हम ये जहान बने सर्वोत्तम और देश को बनाए महान। जीत कर दिखाए हम ये जहान बने सर्वोत्तम और देश को बनाए महान।
क्या ऐसे प्राणी को विवेक और चेतना के उच्च स्तर की आवश्यकता नहीं है ? क्या ऐसे प्राणी को विवेक और चेतना के उच्च स्तर की आवश्यकता नहीं है ?
नगमें लिखेंगे सब, अपना प्यार याद कर। ताजमहल तेरे लिए, जब मैं बनाऊंगा।। नगमें लिखेंगे सब, अपना प्यार याद कर। ताजमहल तेरे लिए, जब मैं बनाऊंगा।।
सब और दहशत का माहौल है कैसा यह होली का त्यौहार है ? सब और दहशत का माहौल है कैसा यह होली का त्यौहार है ?
तो दोष तुम्हारा ही होगा मेरा नहीं। हे नाथ ! त्राहिमाम ! तो दोष तुम्हारा ही होगा मेरा नहीं। हे नाथ ! त्राहिमाम !
खुद से क्यों ना पूछते दवा की आड़ में दारू पिते हैं हर कोई।। खुद से क्यों ना पूछते दवा की आड़ में दारू पिते हैं हर कोई।।
निश्चित ही नहीं तो फिर क्यों चारों तरफ केवल पैसा, पैसा, पैसा। निश्चित ही नहीं तो फिर क्यों चारों तरफ केवल पैसा, पैसा, पैसा।
बुरा न मानो होली है, खुशियों का आधार। तान तमंचे भी है बजते, रंगों का त्योहार।। बुरा न मानो होली है, खुशियों का आधार। तान तमंचे भी है बजते, रंगों का त्योहार।...
जब तक बदलते आयामों का न करे हर पीढ़ी, हर स्त्री पुरुष सम्मान ! जब तक बदलते आयामों का न करे हर पीढ़ी, हर स्त्री पुरुष सम्मान !
सुहाना फागुन मास धरा फिर रंगीन हुई आया होली त्योहार।। सुहाना फागुन मास धरा फिर रंगीन हुई आया होली त्योहार।।
और हर सौदे की एक शर्त होती है मुझे दोनों पसंद नहीं। और हर सौदे की एक शर्त होती है मुझे दोनों पसंद नहीं।
हम दोनों के सपनों के लिए, और विश्वास हो जायेगा तुमको। हम दोनों के सपनों के लिए, और विश्वास हो जायेगा तुमको।
क्या करें, हकीकत इतनी भारी है झूठे सपने भी नहीं देखने देती। क्या करें, हकीकत इतनी भारी है झूठे सपने भी नहीं देखने देती।
भ्रम से उबरो मानवता को समझो परमात्मा याद दिला रहा है। भ्रम से उबरो मानवता को समझो परमात्मा याद दिला रहा है।
नायक बेमिसाल वही जो सब्र करे निभाए अपने कर्तव्य,अपेक्षा न रखे ज़िंदगी से। नायक बेमिसाल वही जो सब्र करे निभाए अपने कर्तव्य,अपेक्षा न रखे ज़िंदगी से।
भविष्य दिखता नहीं! युग बीत रहा है!! अतीत धुंधला-सा दिख पड़ता है भविष्य दिखता नहीं! युग बीत रहा है!! अतीत धुंधला-सा दिख पड़ता है
नायक था कभी जीवन का आज अकेला रह गया हूँ। नायक था कभी जीवन का आज अकेला रह गया हूँ।
सफलता की ऊँचाइयों को छूते रहेंगे जब तक हमारी सांसें चलती रहेंगी। सफलता की ऊँचाइयों को छूते रहेंगे जब तक हमारी सांसें चलती रहेंगी।
उदधि उतरे महा ज्ञानी गहन गोते लगाते हैं। रहे झोली सदा खाली जमे जड़ जो किनारा है॥ उदधि उतरे महा ज्ञानी गहन गोते लगाते हैं। रहे झोली सदा खाली जमे जड़ जो किनारा ...
अपनी जिंदगानी है कभी आंखों में पानी तो कभी लबों पर हंसी है। अपनी जिंदगानी है कभी आंखों में पानी तो कभी लबों पर हंसी है।