नींद और ख्वाब
नींद और ख्वाब
1 min
184
बादलों के वादियों से
एक आवाज पुकारती है
आसमां से उतर पनघट में
चांदनी देर रात नहाती है।
श्वेत बर्फ मन भीगी चादर पर
नींद दस्तक न देती है और
ख्वाब पूरी रात जगाये रखती है।।
