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Prem Bajaj

Romance

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Prem Bajaj

Romance

मदहोश नयन

मदहोश नयन

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ना मय है, ना मयखाना है, ना साकी है, ना जाम है।

फिर भी है मदहोशी छाई, ये तेरे दो नयनो का कमाल है।


तहूर ( जन्नत में मिलने वाली शराब) सा नशा है तेरी आँखो में, 

जितना भी खुद को ढुँढना चाहा और भी डूब गए हम।


इक तेरी अदा कातिल, इक तेरा नाम शबाब,

सकूँ की तलाश में झाँका था तेरी आँखो में,

या खुदा दर्दे-दिल मिला...


बस इतनी सी इल्तज़ा है तुमसे, नयनों का सपना ना सही, तिनका ही बना लेना इन नयनों का।

चैन से जीना तो नसीब ना हुआ, चैन से मर तो सकेंगे...


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