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Meenakshi Kilawat

Drama

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Meenakshi Kilawat

Drama

तू ही हजारों में

तू ही हजारों में

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मेरा साज भी तू है मेरा संगीत भी तू है

तू ही नज़रों में मेरा शंहशहा

तू ही हजारों में


तू ही तो मेरा मनमीत है

प्यार से रोशन दिया जलाये

और काली रात के उजालों में तू है


आँचल में मेरे दरिया को झुकाये

मुझ पे जान बिखराये।

तू ही हजारों में।


मंज़िल मेरे दिल की वही है

छाया जहाँ दिलदार है तेरा

जहाँ, वहाँ प्यार है तेरा

महक जाये है तनमन मेरा।

तू ही हजारों में।


जागी नज़र का सपना है जैसे,

देख मिलन हुवआ मन ये सुहाना

आँखों में तेरे जलवे की धुम है,

देखूँ तुझे या देखूँ नजारा।

तू ही हजारों में।।


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