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Meenakshi Kilawat

Drama Inspirational

5.0  

Meenakshi Kilawat

Drama Inspirational

वर्षाभिनंदन

वर्षाभिनंदन

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नया स्वप्न जगाओ तुम

भविष्य अपना बनाओ तुम।

समृद्ध परम्पराओं का मान बढ़ाकर

तन-मन की प्रगती साधो तुम।।


भेद-भाव मिटाकर मन से

नूतन वर्षाभिनंदन मनाओ तुम।

हरा-भरा धरती का यौवन

जैसे नव वधु-सा सोलह श्रृंगार।।


कोयल का अनवरत गाना

अंबिया का महकना बहरना।

फूलों की रंगबिरंगी डालियाँ

महका सुगंध महकी बगिया।।


भेद-भाव मिटाकर दिल से

नूतन वर्षाभिनंदन मनाओ तुम।

प्रकृती के संग हाथ मिलाकर

भेद-भाव को त्याग दो तुम।।


प्रकृती हमेशा से रहती साथ

करे सब मिलजुल कर राज।

अमूल्य है जीवन अपना

छूटे ना साथ हमारा सब से

नूतन वर्षाभिनंदन मनाओ तुम।।


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