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Meenakshi Kilawat

Drama

5.0  

Meenakshi Kilawat

Drama

मित्रता दिवस

मित्रता दिवस

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मैंने आज दी अपने घरवालों को

मित्रता दिवस की बधाई

बाग-बाग हो गये मेरे अपने

ओर खेले मेरे संग रास कन्हाई।


सबसे जादा मित्र है मेरी माँ

लगा लिया मुझको गले से माँ ने

कहने लगी मत बनाना कई मित्र

कब बदल जाये जमाना ना जाने।


मैंने पिता को दी बधाई

कहने लगे लाडली मेरी बिटिया

सबसे अच्छा तेरा पापा है

मित्रों का मित्र शेर पे सवा।।


अपने भैय्या को दी मैंने बधाई

कहने लगे मैं तेरा मित्र तुझ पर वारी

कर सकती हो पूरा भरोसा मुझ पर

करूँगा तेरी हर इच्छा मैं सब पूरी।


दादा-दादी, चाचा-चाची सबका

पाँव छूकर लिया मैंने आशीष

परिवार के प्यार में मैं भूल गई

कामयाब रही परिवार की कोशिश।


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