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Amit Chauhan

Tragedy

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Amit Chauhan

Tragedy

अरमानों का निधन

अरमानों का निधन

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मैंने अरमानों को टूटते हुए देखा है

हाँ, मैंने अरमानों को बिखरते हुए देखा है

इस अरमान को तुम सपने भी कह सकते हो

अरमान देखनेवाले एक शख्स को मैंने कुछ साल पहले देखा था

मैंने देखा था की उसकी रग रग में अरमान लहू बनकर बह रहा था। 


उसने मुझे भी बड़े बड़े सपने देखने को उकसाया था

मगर मैं, उसकी बातों में नहीं आया था

हमारी आखरी मुलाकात के बाद वो शख्स

मेरी नजरों से ओझल यानी की दूर हो गया था। 

लेकिन सुनो, वो शख्स मुझे मिलता था अखबारों के पन्नों पर

मुझे अच्छी तरह से याद है वो शरीर एवं मन से बहुत मजबूत दिखता था


जानने को मिला था की उसको एक छोटा सा बेटा भी है

और बेटा है तो अर्धांगिनी तो होगी ही

हाँ वो अपनी पत्नी के साथ जीवन बीता रहा था

लेकिन कुछ दिन पूर्व ही मैंने अखबार में पढ़ा की वो चल बसा है

हाँ, सचमुच में वो चल बसा है

अपने पीछे पत्नी और बेटे को छोड़कर चला गया है वो

जब मैंने यह खबर पढ़ी तो मैं मन ही मन में बोला की

"केवल वो ही नहीं चल बसा,

उसके साथ उसके अरमानों का भी निधन हो गया है" 



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