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Amit Chauhan

Fantasy

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Amit Chauhan

Fantasy

गुमशुदा

गुमशुदा

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गुमशुदा लोगों की विज्ञापन अक्सर

अखबारों एवं टीवी पर आती रहती है

कई दफा मैंने अखबार में ऐसी विज्ञापन पढ़ी है

और टीवी पर ऐसी विज्ञापन को देखा-सुना है

कुछ दिन पूर्व सहसा मुझे एहसास हुआ की

मैं भी गुमशुदा हो गया था, यानी की मैं खो गया था

यह हादसा जिसके लिए खास मायने रखता था

उसी ने कोई विज्ञापन नहीं दिया।

और नाही गुमशुदा शख्स से भेट करने का प्रयास किया

गाँव से शहर और शहर से गाँव, वो आता जाता रहता था

किन्तु भेंट का कोई योग ही नहीं हुआ 

वह अपने ही खयालों में भटक रहा था

बस, ट्रेन और ऑटो रिक्शा में ढेर सारे पल बीते है उसके

व्याख्यानों में, विभिन्न समारोह में कई लम्हे गुजारे है उसने

लेकिन कभी भी उसे महसूस नहीं हुआ की स्वयं एक गुमशुदा शख्स है

लेकिन एक बात बताऊँ आखिरकार वो पकड़ा ही गया 



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