कोइ तो जागो
कोइ तो जागो
महंगाई डायन नहीं मारती उतना
तकनीक डायन मारती है
देखना, जानना, सुनना, खरीदना, बेचना, बातें करना,
गाने गाना, गाने सुनना, गोसीप करना, झगड़ना-
यह सब इतना आसान हो गया है की बात ही मत पूछो।
पूछो अपने आप से क्या तकनीक वरदान है या अभिशाप?
जरा गौर से देखो, रिश्ते बनने लगे है
केवल एक 'क्लिक ' से
और टूटने भी लगे है केवल एक' क्लिक 'से
न जाने कितनी जिंदगियां बरबाद हो गई इस तकनीक की जाल में
जाल सी दिखाई देती है यह तकनीक
कई लोगों को रात को सोने नहीं देती है यह तकनीक
साइकियाट्रीस्ट के पास ले जाती है यह तकनीक
जिंदगी को 'अलविदा 'कहने को मजबूर करती है यह तकनीक
अरे, कोई तो जागो, कोई तो उठो
बचा लो मासूम जिंदगियों को।
