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Amit Chauhan

Abstract

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Amit Chauhan

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हे भगवन

हे भगवन

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हे भगवन! एक बात कहुँ?

मैं आज आपसे कुछ मांगने आया हूँ

मैं जो आपसे माँगूगा वह इतना अनूठा है की आपको सचमुच में ताज्जुब होगा! 

हाँ, सच में आपको ताज्जुब होगा


चलो ,अब आपके कान ठीक तरह से खोल दो

यहाँ पर कोइ शत्रु नहीं है मेरा

किन्तु मैं जो कर्म कर रहा हूँ उसमें थोडी और शक्तियों की आवश्यकता खडी हुइ है

हा, सचमुच में खडी हुइ है

और यह शक्ति; विभिन्न प्रकार के मोह में पडे लोग जीसे में कभी कभी 'छोटे दिलवाले लोग ' भी कहता हु नहीं दे सकते

और इसलिए आपके पास आया हूँ

मुझे कल्पनाशक्ति की आवश्यकता है

तो ये मुझे दो 

और खास तो सहनशीलता चाहिए 

क्योंकि कुछ लोगो के दिलों में शयतान का वर्चस्व है

और इसलिए एसे लोगो के साथ व्यवहार करने की घडियां आती है तब सहनशीलता होगी तो मै टिक सकूँगा 


एक मिनट कही जाना मत भगवन….

मेरे दिल में कुछ भरा हुआ है वो भी मैं आपके समक्ष पेश करता चाहता हु

कुछ लोग आपसे यह मांगते होंगे की उनको अच्छी जोब मिल जाए

कुछ लोग प्रमोशन की मांग लेकर आपके समक्ष आये होंगे 

कुछ लोगो को इन्क्रीमेंट की पडी है

आफिस में 60 मिनट भी निष्ठा से कार्य नही करते 

एसे फांदधारी आपके पास इन्क्रीमेंट की मांग ले के आते होंगे 

मै तो कहता हु भगवन आप इनसे कुछ शर्त रखो

बाद मे ही उनकी मांग पूरी करो

और हाँ अगर वो शर्त पूरी करते नहीं है तो 

उनको तडपाओ….उनकी मांग पूरी न करो


कुछ लोग बच्चों की पढाई से संबधित कुछ समस्याएं ले कर आपके समक्ष आते होंगे 

लेकिन आप ही देखे ; मेरी जो मांग है वो इन लोगो के मुकाबले कितनी अनूठी है

मुझे पैसे नहीं चाहिए भगवन

मुझे शक्ति चाहिए 

क्योंकि एक शक्ति ही एसा तत्व है जिसके जरिये मै 

दूसरी आवश्यक चीज़ो को प्राप्त कर सकता हूँ 

अब बताओं कैसी रही मेरी मांग?



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