यदि मैं होता डॉक्टर...
यदि मैं होता डॉक्टर...
यदि मैं होता डॉक्टर
कोई नहीं पहुँचता ऊपर
ना मरने पर कोई आंसू बहाता
ना कोई पैदा होने पर कोई थाली बजाता
जो एक बार धरती पर जन्म लेता
वह यही का होकर रह जाता
बन्द हो जाता जीने मरने का चक्कर
सब मेरे ही आगे-पीछे लगाते चक्कर
मैं दवाई बनाता करके जादुमन्तर
कोई भी खाके उसे, हो जाता छूमन्तर
मैं भगवान बन जाता
अस्पताल मेरा मंदिर बन जाता
अगर कोई मुझे खुश कर जाता
अजर अमर का वर मुझसे पाता।