बिना बुलाये आ जाती है अपने पर शामत। बिना बुलाये आ जाती है अपने पर शामत।
अक्सर मैं जब लोगों की सोहबत में घुल जाता हूँ। अक्सर मैं जब लोगों की सोहबत में घुल जाता हूँ।
कहीं रोकने के चक्कर में हम गुजर गये कहीं रोकने के चक्कर में हम गुजर गये
जब मेरे अपनों ने मेरा साथ छोड़ा।, हां, तब मैं हारी थी। जब मेरे अपनों ने मेरा साथ छोड़ा।, हां, तब मैं हारी थी।
इसलिए आज में जीने वाले छूते हैं, सफलता की हर मंजिल को। इसलिए आज में जीने वाले छूते हैं, सफलता की हर मंजिल को।
मुश्किल से कुछ समझ पाएँ पर महँगाई रोना रोते जाएँ। मुश्किल से कुछ समझ पाएँ पर महँगाई रोना रोते जाएँ।