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Poonam Shukla

Abstract

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Poonam Shukla

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मन की अभिलाषा

मन की अभिलाषा

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एक छोटा सा मन मेरा

ऊंची उड़ान भरता है

कुछ न सोचे समझे ये

अपनी मंज़िल को देखे ये


दिन रात सोचे इस बारे मे

रास्ता कहा से देखे वो

एक छोटा सा मन मेरा।


ऊँचे खवाबों की दुनिया मे

एक मेरा भी ख्वाब है

मै भी जल्दी ही भर लूंगी

सबसे ऊंची उड़ान रे


खुले गगन मे हो मस्त मगन

कोई न मुझको रोके रे

सैर करू मै घूम घूम के

अपने पंख फैला के रे

एक छोटा सा मन मेरा।


जल्दी इस उड़ान से

मंजिल मै भी पा लूंगी

अपने ख्वाब को पूरा कर

परचम मै फैला लूंगी


औरों को भी ऊंची उड़ान

के लिये प्रेरित मै तो करूँ

उनके सपनों में भी पंख लगा

भर दूँगी उड़ान रे

एक छोटा सा मन मेरा

ऊँची उड़ान भरता है।


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