जिंदगी का सफर
जिंदगी का सफर
जिंदगी का रास्ता है काटो भरा
फिर भी ज़िन्दगी के रास्ते पर चल रही हूँ
मैं समय के रूप में ही अपने आप ढल रही हूँ
जो भी मेरे बच्चों को सहेजे
मैं वही ममता भरा आँचल फैला रही हूँ
प्यास जो बेकल जमीं की है बुझाती
आसमानों में वही बादल रही हूँ
पेट मे है भूख बन कर खौलती
जो शांत करने को उसी को जल रही हूँ
बन वफ़ा की एक मूरत मे ढली
मैं इश्क़ की आँखों में बन काजल रही हू
जो नयी उम्मीद ले कर आँख खोले
मैं वही आगत सुहाना कल रही हूँ
जिंदगी का रास्ता है काँटों भरा
फिर भी जिंदगी के रास्ते में चल रही हूँ।