तितली रानी
तितली रानी
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तितली रानी कितनी सुन्दर
सबके मन को भाने वाली
इन फूलों पर बैठ-बैठकर,
अपनी कला दिखाने वाली
पीले-काले-लाल-बैंगनी,
पंख सुनहरे सजते हैं।
देखकर इनके रूप-रंग को,
हम बच्चे भी हंसते हैं।
अपनी झलक दिखाने हेतु,
दूर देश से पास मेरे आती है।
इन फूलों पर बैठ-बैठकर,
अपनी कला दिखाती है।
गगन-मगन में उड़ती रहती,
शोभा बड़ी निराली है।
प्रकृति सौंदर्य सहेजे संग में,
तितली रानी प्यारी-प्यारी
बच्चे इनको पास बुलाते,
लेकिन वह नही आने वाली
दूर से ही लुभाती है
आने में सकुचाती है।
