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Poonam Shukla

Abstract

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Poonam Shukla

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टेलीफोन और मोबाइल

टेलीफोन और मोबाइल

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टेलीफोन का भी क्या जमाना था

जब घर के सारे सदस्य

बात करने को बेताब रहते थे

सब इकठ्ठे होकर एक जगह

बैठ कर बात करते थे।


न कोई शिकवा न शिकायत

अपनी बातो को विराम दे बात करते थे

सब खुशी खुशी बात करते थे

लेकिन


जब से आया है मोबाइल

सबके हाथों मे ही रहता चिपका

इसमे होता इन्टरनेट

जिंदगी को करता आसान

कही भी रहो कर लो इससे बात

हाल चाल मिले पल पल की

जो करता बहुत आसान।


लेकिन इसमे एक है बात

अपनो से करता है दूरी

लोग अकेले बैठ कर बातें ही कर लेते हैं

लोगों में इसमे दूरी ऐसी कर दी है


होता है मोबाइल बहुत ही अच्छा

कभी-कभी ये है मम्मी को खटकता

इसके चक्कर में बातें चार हैं सुनते

फिर भी हम न आते बाज अपनी हरकतों से।


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