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Poonam Shukla

Abstract

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Poonam Shukla

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कचरा

कचरा

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कचरा देख मन घबराता

कुछ न करने को मन करता

यही हाल हो गया है जिंदगी का

कुछ न करने को मन करता


पड़े रहते हैं घर के अनदर

बाहर निकलना हो गया मुश्किल

जिंदगी हो गई कचरे की तरह

घर में पड़े पड़े रह के

इस लाकडाउन के कारण

बेहाल हो गई जिंदगी

बाहर न निकल पा रहे


कुछ न कर पा रहे

यूँ ही पड़े घर के अन्दर

मदहोश हुये जा रहे

कचरा देख मन घबराता

कुछ न करने को मन करता।


लॉकडाउन का पालन करते

जल्द से जल्द भगा दे कोरोना

फिर रूटीन हो पहले जैसी

जो चाहो वो करते जाओ

घर से बाहर भी निकले


मस्त हो आराम से घूमे फिरे

फिर पहले जैसी जिंदगी जियें

इस कोरोना कचरे को दूर भगाओ के।


कचरा देख मन घबराता

कुछ न करने को मन करता।


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