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Poonam Shukla

Abstract

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Poonam Shukla

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समय

समय

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 समय की धारा बहती जाए

नहीं लेती कभी वह विराम

समय पे जो सब कुछ करे


उसे मिले आराम ही आराम

समय के आगे झुक जाते हैं

जितने बड़े वह महान

समय से बड़ा कुछ भी नहीं


वही है सबसे बलवान

समय चक्र से पीस जाते है

राजा हो या कोई फकीर

समय पे करवट लेते हैं


जो लिखी हुई भाग्य की लकीर

समय ही दुखद चुभन है

फिर वही तो सुख और चैन

समय ही मृत्यु और काल है

फिर वही मैत्री और अमन


समय के साथ चलना सीखे

जीवन ही हो जाएगा आसान

समय का सदुपयोग करे

बने एक अच्छा सा इंसान। 


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