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निखिल कुमार अंजान

Tragedy

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निखिल कुमार अंजान

Tragedy

आजकल का यही प्यार है......

आजकल का यही प्यार है......

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कल तक जिसके साथ थे

आज उसको जानते नही

मिस यू मिस यू करते थे

अब उसको पहचानते नहीं


दो लफ्जों की कहानी 

पल मे बेइमानी हो गई

साथ जीने मरने के वादे

करने वालों की तो नए 


इश्क की शुरु कहानी हो गई

एक साथ कई के साथ है

लगता है इसमे कोई गहरी बात है

दिल मे बसाने की बात कर


देह पर फिसल गए

कुछ दूर साथ चले फिर 

रस्ता झठ से बदल गए

भावनाओं की कद्र कौन करता है


प्यार के नाम पर हर कोई यहाण

इक दूजे को बस छलता है

वाह क्या अंदाज है लगता है

आजकल का यही प्यार है।


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