STORYMIRROR

Dr Lalit Upadhyaya

Tragedy

3  

Dr Lalit Upadhyaya

Tragedy

बच्चों की सुन लो तुम

बच्चों की सुन लो तुम

1 min
306

बच्चों के मन की सुन लो तुम,

कहते हैं वो किसी से नहीं कम।

बोझ बस्तों से झुकी कमर बताती है,

अव्वल आने की होड़ में

आंखें उनकी नम।


बेटी तुमको टॉप आना है,

प्रथम श्रेणी के अंक पाना है,

थाली में रखा जो खाना है,

पढ़ने के बाद तुमको खाना है।


बाल मन को मम्मी समझो तुम,

सता रहा है नंबर वन नहीं

आने का गम,

मैं कभी नहीं थी किसी से कम,

दबाव के कारण मेरा

निकल रहा अब दम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy