चलें प्रकृति की ओर
चलें प्रकृति की ओर
चलो चलें प्रकृति की ओर,
आएगी नवजीवन की भोर,
चहुंओर प्रदूषण का जोर,
मचा है कोलाहल व शोर।।
कम नाचते हैं जंगल में मोर,
करना होगा हमको गौर,
पकड़ना होगा आशा का छोर,
छाए कहाँ अब घटा घनघोर।।
