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Dr Lalit Upadhyaya

Inspirational

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Dr Lalit Upadhyaya

Inspirational

चलें प्रकृति की ओर

चलें प्रकृति की ओर

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चलो चलें प्रकृति की ओर,

आएगी नवजीवन की भोर, 


चहुंओर प्रदूषण का जोर,

मचा है कोलाहल व शोर।।


कम नाचते हैं जंगल में मोर,

करना होगा हमको गौर,


पकड़ना होगा आशा का छोर,

छाए कहाँ अब घटा घनघोर।।


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