STORYMIRROR

sargam Bhatt

Abstract Inspirational

3  

sargam Bhatt

Abstract Inspirational

बारिश

बारिश

1 min
213

छोटी-छोटी बूंदें खाई भर देती है

लेकिन मेरे खाली मन को कौन भरेगा

बादलें उमंग ले आते हैं

मेरे मन में उमंग कौन लाएगा

हरियाली जादू बिखेर देती है

मेरे मन में हरियाली कैसे आएगी

काश इस बारिश से मन में हरियाली आ जाए

भीग रही हूं इसीलिए मेरा खाली मन भर जाए

देख रही हूं घटा को शायद उमंग आ जाए

ये बारिश भी कितनी यादें दिलाती है

रोज रोज डराती है

रोज-रोज तड़पाती है

भीग रही हूं शायद मेरी तड़प मिट जाए



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract