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Pooja Kalsariya

Abstract

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Pooja Kalsariya

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कविता की मौत

कविता की मौत

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मस्तिष्क की विराट

शून्यता को चीरकर

विचार

जन्म पाते हैं।


शब्दों की देहरी

चढ़ते-चढ़ते

संवादों से

मुठभेड़ कर

दम तोड़ जाते हैं।


और फिर

दिनदहाड़े

एक कविता की

मौत हो जाती है।


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