फूल तू सच्चा और अच्छा
फूल तू सच्चा और अच्छा
फूल तू क्या है?
फूल तेरा धर्म क्या है?
कभी तू गम में शामिल,
कभी तू खुशी में शामिल।
कभी तू मंदिर जाएं,
कभी तू मस्जिद जाएं।
कभी तू वरमाला में,
कभी तू सजा मिलता सेहरा में।
फूल तू जो भी है, न्यारा है।
कभी प्रेमी के दिल का हाल बताता,
कभी नायिका की जुड़े के शोभा बढ़ाता।
कभी सुहाग सेज पर बिछता,
कभी शेष शैय्या पर बिछता।
फूल तू जो भी है,
फूल तू सच्चा और अच्छा है।
