STORYMIRROR

karan ahirwar

Abstract

3  

karan ahirwar

Abstract

फेक सेल्फ

फेक सेल्फ

1 min
257

प्रेरणादायी, सुखकारी बातों का मालिक

नज़रे झुकी हुई, मुंह पर कालिख

बातें बड़ी बड़ी और दर्शन छोटे

पूरा करता अपनी हर अनचाही ख्वाहिश


बातें करता अच्छी अच्छी

खुद को भरोसा दिलाता नहीं

दूसरों को सलाह से दृढ़ निश्चय की

खुद ही दो दिन भूखा रह पाता नहीं


करने पूरी ख्वाहिशें दूसरों की

सलाहों का पिटारा है पास उसके

खुद पर आजमाया ना कभी जो

तरकश में तीर है पास है उसके


खुद तो बेचारा है अंदर से

दूसरों का मसीहा बना फिरता है

दूसरों को सिखाएं गुण दोस्ती के और

खुद ज़माने में अकेला घूमता फिरता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract