फ्रीवर्स
फ्रीवर्स


समय का कैसा ये खेल निराला
मेहनत भर सक हर दम हर बार
फिर भी मनचाहा फल मिला ना
समय और नसीब दो साथी
पर मेहनत ही मेरे हाथ थी
मैंने तो जमकर पसीना बहाया
फिर भी किस्मत को मोड़ ना पाया
हर दम बस यही डर सताए
क्या व्यर्थ होगी ये अभिलाषाएं अपेक्षाएं
या कोई होगा जो आकर मुझे जिताए
मेरा सपना, मेरी कल्पना, मेरा जीवन
हर क्षण इस असमंजस में बीते
क्या ऐसे ही गिन गिन दुख बीतेगा जीवन
मैने तो सुख ही चाहा
पर हमेशा दुख ही पाया
कुछ तो काम मेरा आसान करो
हे ! कलम
तुम तो मेरा सम्मान करो
तुमको शिद्दत से उठाता हूं मैं
हर बात तुम्हे बतलाता हूं मैं
तुम्ही मेरे सुख दुख के साथी हो
दूर देख तुमको मुझसे घबराता हूं मैं
ए कलम तुमने मेरा बोझ ढोया
तुम्हारे साथ ही सहसा रोज रोया
तुमने संभाले विचार मेरे
तुमने संवारी भावनाएं मेरी
तुमसे दूर जाना या तुमको छोड़ अकेला
मर जाऊंगा मर जायेगी साधनाएं मेरी
तुम्ही तो मेरे हमदम
तुम्ही हो मेरे हम कदम
तुमसे नाता जोड़ा तो चैन की नींद मैं सोता हूं
वर्षो तक अकेला था अब पूरा तुम्हीं से होता हूं।