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karan ahirwar

Abstract

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karan ahirwar

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तेरे शहर वाले

तेरे शहर वाले

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तेरे साथ की यादों ने मुझे जिंदा रखा

तू आएगा इसी आस में एक परिंदा रखा

तूने कसम जो दी थी मुझे एक इरादे की

बास्ते उसके दबाकर अंदर एक दरिंदा रखा


नये लोगों की खोज में दूर निकले

भोले चेहरे दिल के क्रूर निकले

चाहकर भी दिल से मिलने से घबराये

ये तेरे शहर वाले कितने मजबूर निकले!

 


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