पता नहीं किन-किन नामों से बॉंटते आ रहे हैं। पता नहीं किन-किन नामों से बॉंटते आ रहे हैं।
मां तू इनकी रक्षा के लिए फिर आ जाओं एक बार। मां तू इनकी रक्षा के लिए फिर आ जाओं एक बार।
मजबूर है फंदे पर लटकने को किसान कर्जे के विशाल बवंडर के बोझ से आखिर कब होंगे आजाद हम मजबूर है फंदे पर लटकने को किसान कर्जे के विशाल बवंडर के बोझ से आखिर कब हों...
तो तुम कर दो उसी क्षण उन दरिंदो का सहांर। सुनो बहनों मेरी एक आवाज। तो तुम कर दो उसी क्षण उन दरिंदो का सहांर। सुनो बहनों मेरी एक आवाज।
माँ पूछो ना उस अंकल को काँपती नहीं क्या रुह उसकी, रात के सन्नाटे में कभी याद आती है जब-जब मेरी बेब... माँ पूछो ना उस अंकल को काँपती नहीं क्या रुह उसकी, रात के सन्नाटे में कभी याद आ...
तेरे साथ की यादों ने मुझे जिंदा रखा तू आएगा इसी आस में एक परिंदा रखा! तेरे साथ की यादों ने मुझे जिंदा रखा तू आएगा इसी आस में एक परिंदा रखा!