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karan ahirwar

Drama Romance

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karan ahirwar

Drama Romance

तुम(सोनेट)

तुम(सोनेट)

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तुम, तुम्हारी कल्पना , तुम्हारे ही विचार है

हां मुझको तुमसे सिर्फ तुमसे ही प्यार है

तुम्हारी सोच में मैं दुनिया छोड़ जाता हूं

तुम्हारी सांसे सुनकर ही मुड़ जाता हूं


तुमने ना ठहराया मुझको अपने हृदय में

फिर भी हर बार तुम्हारे नाम से जुड़ जाता हूं

क्या तुम ही हो मेरा जीवन, पूछे ही हरेक जन

तुमसे ही नाते जोड़े, तुम्हारे ही सपने देखे

तुमको ही बसाना चाहा अपने मन मंदिर में

मैं तो एक साधारण सा प्रेमी था पर

तुमने भी मुझको धूल किया

पर मैं ना इसका बुरा लगाऊंगा


मिट्टी का सोने से क्या मूल्य हुआ

बस मत पलटना अपना मत, कहता है हरेक जन।


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